Ae Mere Humsafar (From "Qayamat Se Qayamat Tak")

ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार
सुन, सदाएँ दे रही हैं मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार
सुन, सदाएँ दे रही हैं मंज़िल प्यार की

अब है जुदाई का मौसम, दो पल का मेहमाँ
कैसे ना जाएगा अँधेरा? क्यूँ ना थमेगा तूफ़ाँ?
अब है जुदाई का मौसम, दो पल का मेहमाँ
कैसे ना जाएगा अँधेरा? क्यूँ ना थमेगा तूफ़ाँ?

कैसे ना मिलेगी मंज़िल प्यार की?

ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार
सुन, सदाएँ दे रही हैं मंज़िल प्यार की

प्यार ने जहाँ पे रखा है झूम के क़दम एक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता, वहीं से गिरी है दीवार
प्यार ने जहाँ पे रखा है झूम के क़दम एक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता, वहीं से गिरी है दीवार

रोके कब रुकी है मंज़िल प्यार की?

ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार
सुन, सदाएँ दे रही हैं मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार
सुन, सदाएँ दे रही हैं मंज़िल प्यार की



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Anand Chitragupta, Milind Chitragupta, Mithoon, Amitabh Verma
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