Mujhe Raat Din Bas (From "Sangharsh")

मुझे रात-दिन, बस मुझे चाहती हो
मुझे रात-दिन, बस मुझे चाहती हो

कहो ना कहो, मुझको सब कुछ पता है
हाँ, करूँ क्या, मुझे तुम बताती नहीं हो
छुपाती हो मुझसे, ये तुम्हारी ख़ता है
आ, मुझे रात-दिन, बस मुझे चाहती हो

मेरी बेक़रारी को हद से बढ़ाना
तुम्हें ख़ूब आता है बातें बनाना
निगाहें मिला के यूँ मेरा चैन लेना
सता के मोहब्बत में यूँ दर्द देना

मुझे देख के ऐसे पलकें झुकाना
शरारत नहीं है तो फिर और क्या है?

आ, मुझे रात-दिन, बस मुझे चाहती हो

तुम्हें नींद आएगी अब ना मेरे बिन
मुझे है यक़ीं, ऐसा आएगा एक दिन
खुली तेरी ज़ुल्फ़ों में सोया रहूँगा
तेरे ही ख़यालों में खोया रहूँगा

कभी ग़ौर से मेरी आँखों में देखो
मेरी जाँ, तुम्हारा ही चेहरा छुपा है

आ, मुझे रात-दिन, बस मुझे चाहती हो

कहो ना कहो, मुझको सब कुछ पता है
हाँ, करूँ क्या, मुझे तुम बताती नहीं हो
छुपाती हो मुझसे, ये तुम्हारी ख़ता है
आ, मुझे रात-दिन, बस मुझे चाहती हो



Credits
Writer(s): Sameer
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