Dhalne Lagi Hai Raat (Version)

ढलने लगी है रात, कोई बात कीजिए
बढ़ने लगी है बात, कोई बात कीजिए

है ज़िंदगी का साथ, कोई बात कीजिए
कट जाएगी ये रात, कोई बात कीजिए
जाने तन्हाई हम से क्या कह रही है
दिल की गहराई हम से क्या कह रही है

एक-एक पल के साथ कोई बात कीजिए
बनकर रहेगी बात, कोई बात कीजिए

हो, ढलने लगी है रात, कोई बात कीजिए
बढ़ने लगी है बात, कोई बात कीजिए

जितनी हदें हैं सब तोड़ डालें
बातों ही बातों में हम
ओ, होंठों के रंग से होंठों पे लिख दें
बातें दिलों की सनम
बात चाहत की रौशनी बन के आए
बात सुन-सुन के बात भी मुस्कुराए

यूँ सादगी के साथ कोई बात कीजिए
बनकर रहेगी बात, कोई बात कीजिए

ढलने लगी है रात, कोई बात कीजिए
बढ़ने लगी है बात, कोई बात कीजिए



Credits
Writer(s): Rahat Indori
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