Kahan Gaya Bedardi Man Ko Tadapa Ke

कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
दिल का चैन चुरा के, मन को तड़पा के
दिल का चैन चुरा के...

कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
दिल का चैन चुरा के, मन को तड़पा के
दिल का चैन चुरा के...

तेरे मिलन के सपने झूठे, झूठी तेरी क़समें हैं
तेरे मिलन के सपने झूठे, झूठी तेरी क़समें हैं
झूठे प्यार के सब रिश्ते हैं, झूठी वफ़ा की रस्में हैं

झूठी आस बँधा के
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
दिल का चैन चुरा के, मन को तड़पा के
कहाँ गया बेदर्दी...

मलते हैं माथे पर अपने हम क़िस्मत की सियाही को
मलते हैं माथे पर अपने हम क़िस्मत की सियाही को
देख रहे है ख़ुद आँखों से अपने घर की तबाही को

मौत से हाथ मिला के
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
दिल का चैन चुरा के, मन को तड़पा के
कहाँ गया बेदर्दी...

बिन आहट के जाने कब वो दिल का शीशा तोड़ गया
बिन आहट के जाने कब वो दिल का शीशा तोड़ गया
ग़म से भिगा हर मौसम वो मेरे लिए ही छोड़ गया

ग़म इशरत का बढ़ा के
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
दिल का चैन चुरा के, मन को तड़पा के
कहाँ गया बेदर्दी...

शहर का शहर है पत्थर जैसा, किस-किस का ऐतबार करूँ?
शहर का शहर है पत्थर जैसा, किस-किस का ऐतबार करूँ?
बेदर्दों के आगे कैसे बेज का मैं इज़हार करूँ?

दुश्मन हैं सब जाँ के
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?

दिल का चैन चुरा के, मन को तड़पा के
कहाँ गया बेदर्दी मन को तड़पा के?
दिल का चैन चुरा के, मन को...



Credits
Writer(s): Nikhil-vinay, Bhushan Dua
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