Shuddh Desi Romance

Hmm, धूप में नहाएगा तो धूप लग जाएगी
बातें यूँ बनाएगा तो बात बढ़ जाएगी
लड़की घुमाएगा तो लत लग जाएगी

ओ-हो, ओ, छोरी lipstick लगाएगी, तू भूत बन जाएगी
Sandal चढ़ाएगी तो ऊँट बन जाएगी
फैलती है यहाँ-वहाँ, छूत लग जाएगी

हो, खिड़की-दरीचे से, दबे पाँव नीचे से
झूठे समाजों में, झूठे रिवाजों में लिए ही जाए कोई chance

शुद्ध देसी, देसी-देसी romance (कमीने, हाए, रे)
हाय, रे crazy, crazy, wazy romance (शरम ना आए रे)
शुद्ध देसी, देसी-देसी romance (कमीने, हाए, रे)
हाय, रे, crazy, crazy, wazy romance (शरम ना आए रे)

Hmm, गलियों में फिरे
क्यूँ दिखे दुकानों-वुकानों में ये मुई बेलखणी?
हाय, रे मुई बेलखणी

हाय, रे, हाय-हाय, collar तो बड़े
यूँ चढ़े-गिराए, गिराए चले, मुआ बेलखणा
हाय, रे मुआ बेलखणा

डर ना दिखाओगे तो पर लग जाएँगे
अरमाँ सुलाओ जी, नहीं तो जग जाएँगे
गलियों में आशिक़ों के झुंड लग जाएँगे

Hmm, अधकच्चे आम हैं जी, ये तो पक जाएँगे
बड़ों ने छुपाया है जो, ये तो चख जाएँगे
बड़े-बूढ़े बोल, बोल, बोल थक जाएँगे

हो, खिड़की-दरीचे से, दबे पाँव नीचे से
झूठे समाजों में, झूठे रिवाजों में लिए ही जाए कोई chance

शुद्ध देसी, देसी-देसी romance (कमीने, हाए, रे)
हाय, रे crazy, crazy, wazy romance (शरम ना आए रे)
शुद्ध देसी, देसी-देसी romance (कमीने, हाए, रे)
हाय, रे crazy, crazy, wazy romance (शरम ना आए रे)



Credits
Writer(s): Jaideep Sahni, Sachin Jaykishore Sanghvi, Jigar Mukul Saraiya
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