Tumhein Apna Banane Ki Kasam Khai Hai

तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है, खाई है
तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है, खाई है
तेरी आँखों में चाहत ही नज़र आई है, आई है
तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है, खाई है

मोहब्बत क्या है, मैं सबको बता दूँगा
मोहब्बत क्या है, मैं सबको बता दूँगा
ज़माने को तेरे आगे झुका दूँगा

तेरी उल्फ़त, मेरी जानाँ, वो रंग लाई है, लाई है
तेरी उल्फ़त, मेरी जानाँ, वो रंग लाई है, लाई है
तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है, खाई है

तेरे होंठों से मैं शबनम चुराऊँगा
तेरे होंठों से मैं शबनम चुराऊँगा
तेरे आँचल तले जीवन बिताऊँगा

मेरी नस-नस में तू बन के लहू समाई है, समाई है
मेरी नस-नस में तू बन के लहू समाई है, समाई है
तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है, खाई है

तेरी बाँहों में हैं दोनों जहाँ मेरे
तेरी बाँहों में हैं दोनों जहाँ मेरे
मैं कुछ भी तो नहीं, दिलबर, बिना तेरे

तुझे पा के ज़माने की ख़ुशी पाई है, पाई है
तुझे पा के ज़माने की ख़ुशी पाई है, पाई है
तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है, खाई है
तेरी आँखों में चाहत ही नज़र आई है, आई है
तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है, खाई है



Credits
Writer(s): Sameer
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