O Rabba Koi To Bataye

ओ रब्बा, हो
ओ रब्बा, कोई तो बताएँ...
ओ रब्बा, कोई तो बताएँ, प्यार होता हैं क्या?
रब्बा, कोई तो बताएँ, प्यार होता हैं क्या?

जैसा मुझे हो गया...
हो, जैसा मुझे हो गया, सबको होता हैं क्या?
जैसा मुझे हो गया सबको होता हैं क्या?

ओ रब्बा, कोई तो बताएँ, प्यार होता हैं क्या?
जैसा मुझे हो गया...
ओ, जैसा मुझे हो गया, सबको होता हैं क्या?
जैसा मुझे हो गया, सबको होता हैं क्या?
ओ रब्बा, हो

ये कौन आया? लगे मन भाया
ज़िन्दगी के पास मुझे कौन ले आया?
हो, ये कौन आया? लगे मन भाया
ज़िन्दगी के पास मुझे कौन ले आया?

हो रब्बा, कोई तो बताएँ...
ओ रब्बा, कोई तो बताएँ, चैन होता है क्या?
जैसा मेरा खो गया, सबका खोता हैं क्या?
जैसा मेरा खो गया, सबका खोता हैं क्या?
ओ रब्बा, हाँ

ख़यालों के बाग़ों में मैं जब खड़ी थी
तभी एक गुल ने आवाज़ दी थी
ख़यालों के बाग़ों में मैं जब खड़ी थी
तभी एक गुल ने आवाज़ दी थी

कली सी महकने लगी तू क्यूँ गोरी?
कली सी महकने लगी तू क्यूँ गोरी?
छलकने लगी क्यूँ ये घागर पोरी?

फूल पूछता रहा, मैं सोचती रही
रात ढलती रही, मैं सोचती रहीं

हो रब्बा, कोई तो बताएँ...
हो रब्बा, कोई तो बताएँ, रूप होता है क्या?
जैसा मेरा खिल गया, सबका खिलता हैं क्या?
जैसा मेरा खिल गया, सबका खिलता हैं क्या?
ओ रब्बा, हो

हम तो ऊँचे गगन में उड़ने लगे
हम तो ऊँचे गगन में उड़ने लगे
एक दुजे जैसे जुड़ने लगे
हो, एक दुजे जैसे जुड़ने लगे, जुड़ने लगे

ओ रब्बा, कोई तो बताएँ...
ओ रब्बा कोई तो बताएँ, मीत होता है क्या?
जैसा मुझे मिल गया, सबको मिलता हैं क्या?
जैसा मुझे मिल गया, सबको मिलता हैं क्या?
ओ रब्बा, हो



Credits
Writer(s): Santosh Anand
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