Hud Hud

हैया, हू
(हैया, हू)
मेरा अपना करम है
मेरे अपने गवारे हैं
(हैया, हू, हू)

हो, मेरा अपना करम है
मेरे अपने गवारे हैं
मेरी अपनी चलत है
मेरे अपने सहारे हैं
मेरे अपने अँधेरे हैं
मेरे अपने पिटारे हैं
आज़ाद बाशिंदा हूँ
मैं अपने रब का बंदा हूँ

(तो, हा!)

मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग

हुड़-हुड़ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
हुड़-हुड़ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
हुड़-हुड़ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग

(हुड़ दबंग, हुड़-हुड़ दबंग)
(हुड़ दबंग, हुड़-हुड़ दबंग)
(हुड़ दबंग, हुड़-हुड़ दबंग)
(हुड़ दबंग, हुड़-हुड़ दबंग)

हो, यारों के लिए वो सच्चा यार है
दुश्मनों को काटे वो तलवार है

एक पल भी ना झपके पलक
जब शेर देखे शिकार को
जब रब का साया साथ हो
तो झुकता देखा संसार को

मेरी अपनी मौजें हैं
मेरे अपने धारे हैं
आज़ाद बाशिंदा हूँ
मैं अपने रब का बंदा हूँ

मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग

हुड़-हुड़ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
हुड़-हुड़ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
हुड़-हुड़ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग

सीने में उसके आग है
अन-सुना सा कोई राग है

चारों दिशा में शोर हो जब भी मैदान में आवे
वो देख ना पावे कुछ भी जो उसको आँख दिखावे

मेरा अपना गुलशन है
मेरी अपनी बहारें हैं
आज़ाद बाशिंदा हूँ
मैं अपने रब का बंदा हूँ

मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
मैं हूँ दबंग, दबंग, दबंग, दबंग

चुलबुल दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
चुलबुल दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
चुलबुल दबंग, दबंग, दबंग, दबंग
चुलबुल दबंग, दबंग, दबंग, दबंग



Credits
Writer(s): Jalees Sherwani, Vajid Sharafat Khan, Sajid Sharafat Khan, Danish Sabri
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