Mohabbat (From "Fanney Khan")

हाज़िर है हुस्न
इश्क़ की महफ़िल में
आज फिर हाज़िर है हुस्न

आओ यहाँ शरीफ़ों ज़रा
तुम्हें मैं शराफ़त भुला दूँ
सारी शरम मिटा दोगे तुम
अगर मैं शरारत पिला दूँ

हाज़िर हुस्न ख़ज़ाना सारा
ज़ाहिर इश्क़ इरादा करूँ दोबारा

जवाँ है मोहब्बत, समझ लो इशारा
अकेले-अकेले ना होगा गुज़ारा
जवाँ है मोहब्बत, समझ लो इशारा
अकेले-अकेले ना होगा गुज़ारा

(Jump to the beat, jump to the beat)
(Move to the beat, move to the beat)
(Groove to the beat, groove to the beat)
(Feel the bass in the ear and just let this go)

(Jump to the beat, jump to the beat)
(Move to the beat, move to the beat)
(Groove to the beat, groove to the beat)
(Feel the bass in the ear...)

हुस्न है पहली मंज़िल, इश्क़ जो करता हासिल
कोई ना जाने आगे जाना कहाँ
रूह को छूना मुश्किल, छू के भी क्या है हासिल?
रूहें दो बाहों में ना आती यहाँ

आ फिर गले लगा ले, यारा
ऐसा कहाँ मिलेगा तुम्हें नज़ारा?

जवाँ है मोहब्बत, समझ लो इशारा
अकेले-अकेले ना होगा गुज़ारा
जवाँ है मोहब्बत, समझ लो इशारा
अकेले-अकेले ना होगा गुज़ारा, आहा!

रात होने से पहले आजा हम दोनों बह लें
दो-चार दिन की तो है ये ज़िंदगी
प्यार का देख नतीजा, घोल के मुझको पी जा
होने दे सोची-समझी आवारगी

देखूँ कहाँ-कहाँ से मीठा है तू
कहाँ-कहाँ से लगे तू खारा

जवाँ है मोहब्बत, समझ लो इशारा
अकेले-अकेले ना होगा गुज़ारा
आज जवाँ है मोहब्बत, समझ लो इशारा
अकेले-अकेले ना होगा गुज़ारा



Credits
Writer(s): Irshad Kamil, Reegdeb Das
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