Meri Duniya Lut Rahi Thi Aur Mai Khamosh Tha, From ''Mr. & Mrs. 55''

मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ

उम्मीद के दीये बुझे, दिल में है अँधेरा
उम्मीद के दीये बुझे, दिल में है अँधेरा
जीवन का तो साथी ना बना कोई भी मेरा
जीवन का तो साथी ना बना कोई भी मेरा
फिर किसके लिए, फिर किसके लिए आज मैं जीता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ

रह-रह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना
रह-रह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना
क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी ना जाना
क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी ना जाना
ख़ामोश, ख़ामोश मोहब्बत लिए फिरता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ

आई ना मुझे रास मोहब्बत की फ़ज़ाएँ
आई ना मुझे रास मोहब्बत की फ़ज़ाएँ
शरमाईं मेरी आँख से सावन की घटाएँ
शरमाईं मेरी आँख से सावन की घटाएँ
लहरों में सदा, लहरों में सदा ग़म की मैं बहता ही रहा हूँ

मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी में हर-दम रोता ही रहा हूँ



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Omkar Prasad Nayyar
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