Ye Mahalon, Ye Takton, Ye Taajon Ki Duniyaa, From ''Pyaasa''

ये महलों, ये तख़्तों, ये ताजों की दुनिया
ये इंसाँ के दुश्मन, समाजों की दुनिया
ये महलों ये, तख़्तों ये, ताजों की दुनिया
ये इंसाँ के दुश्मन, समाजों की दुनिया
ये दौलत के भूखे रवाजों की दुनिया

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी
निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी?

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

यहाँ इक खिलौना है इंसाँ की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

जवानी भटकती है बदकार बन कर
जवाँ जिस्म सजते हैं बाज़ार बन कर
यहाँ प्यार होता है बेवपार बन कर

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

ये दुनिया, जहाँ आदमी कुछ नहीं है
वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है
ये दुनिया, जहाँ आदमी कुछ नहीं है
वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है
जहाँ प्यार की कद्र ही कुछ नहीं है

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

जला दो इसे, फूँक डालो ये दुनिया
जला दो, जला दो, जला दो, इसे फूँक डालो ये...



Credits
Writer(s): Sachin Dev Burman, Sahir Ludhianvi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link