Chal Re Sajni Aab Ka Sooche

चल री सजनी, अब क्या सोचे?
चल री सजनी, अब क्या सोचे?
चल री सजनी, अब क्या सोचे?
कजरा ना बह जाए रोते-रोते
चल री सजनी, अब क्या सोचे?

बाबुल पछताए हाथों को मल के
काहे दिया परदेश, टुकड़े को दिल के
बाबुल पछताय हाथों को मल के
काहे दिया परदेश, टुकड़े को दिल के

आँसू लिए सोच रहा दूर खड़ा रे
चल री सजनी, अब क्या सोचे?
कजरा ना बह जाए रोते-रोते
चल री सजनी, अब क्या सोचे?

दुल्हन बन के गोरी खड़ी है
कोई नहीं अपना, कैसी घड़ी है
दुल्हन बन के गोरी खड़ी है
कोई नहीं अपना, कैसी घड़ी है

कोई यहाँ, कोई वहाँ, कोई कहाँ रे
चल री सजनी, अब क्या सोचे?
कजरा ना बह जाए रोते-रोते
चल री सजनी, अब क्या सोचे?



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S.d. Burman
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