Dekho Dekhoji

देखो, देखो जी, सोचो जी, कुछ समझो जी
बागों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यूँ अकेले हैं?
हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम

देखो, देखो जी, सोचो जी, कुछ समझो जी
बागों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यूँ अकेले हैं?
हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम

ऐसे रूठो ना हमपे, ख़ुदा के लिए
ऐसे रूठो ना हमपे, ख़ुदा के लिए
के हम हैं तैयार हर इक सज़ा के लिए
जो चाहे कह लो हमसे, सुन लो हमसे

हाँ, देखो, देखो जी, सोचो जी, कुछ समझो जी
बागों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यूँ अकेले हैं?
हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम

हुस्न तो इश्क़ की दास्ताँ बन गया
हुस्न तो इश्क़ की दास्ताँ बन गया
जे इश्क़ ऐसे में क्यूँ बेज़ुबाँ बन गया?

हाँ, छोड़ो, ना ही कह दो, कुछ तो बोलो

हाँ, देखो, देखो जी, सोचो जी, कुछ समझो जी
बागों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यूँ अकेले हैं?
हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम

महबूब हमारे, तुम्हें क्या पता!
महबूब हमारे, तुम्हें क्या पता!
के हर काली बन गयी आज महबूबा

ऐसे में तुम भी हमको दिलबर कह दो

हाँ, देखो, देखो जी, सोचो जी, कुछ समझो जी
बागों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यूँ अकेले हैं?
हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम

देखो, देखो जी, सोचो जी, कुछ समझो जी
बागों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यूँ अकेले हैं?
हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम, हम-तुम



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Kudalkar, Sharma Pyarelal
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