Na Samajh Dil

ना-समझ दिल, ये समझ ले
हैं ये मौसम बदले-बदले
ना-समझ दिल, ये समझ ले
हैं ये मौसम बदले-बदले

शाम बे-सबर है, रात धीमे चले
हो, इंतज़ारों की गलियों में दिन ये ढले

ना यक़ीं था पहले-पहले
यार, अब तो ख़ुद से कहले
ये मोहब्बत है, मोहब्बत है

शायद
शायद

प्यार, जीना हमें सिखा दो तुम
ख़ाब पढ़ना हमें बता दो तुम
हो, थोड़ी बारिश और हल्की तन्हाई
शरमा के हमसे मिलने तुम आई

अरे, कब तलक ख़ाब देखेगा, दिल, मनचले?

ना यक़ीं था पलहे-पहले
यार, अब तो ख़ुद से कहले
ये मोहब्बत है, मोहब्बत है

शायद

दिल है कहता, "काश! तुम होते"
तुमसे मिलने के मौसम होते
हो, दिल में सौ बातें तुमसे करते हैं
Telephone के पास बैठे रहते हैं

और आर यार कहते हैं, "दिल की बात कह दे, पगले"

ना यक़ीं था पलहे-पहले
यार, अब तो ख़ुद से कहले
ये मोहब्बत है, मोहब्बत है

शायद
शायद

शायद
शायद



Credits
Writer(s): Nilesh Mishra
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