Mujhe Yaad Rakhna

मेरा नाम ज़ुबाँ पे रखना
दूर होके दूर ना होने
ख़त जो लिखे थे मैंने
कभी फिर यूँ ही पढ़ लेना

मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ
मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ

वो बिन वजह ही लड़ना-झगड़ना क्या खूब याद है
तेरी खामोशी में जाने कैसे १००-१०० बात हैं
क्यूँ फिर भी सब रह गया जो हमको सुनना था?
छोड़ गए यूँ अकेले हमें, तुम को साथ होना था

मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ
मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ

बारिश में भीगी वो यादें रखी हैं सँभाल के
देखूँ मैं तेरी तस्वीरें अब मन की दीवार पे
शाम हुई है फिर से यहाँ, दस्तक तेरी नहीं है
एक अधूरा प्यार तेरा आँखों में कहीं है

मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ
मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ

मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ
मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ
जहाँ कहीं भी रहूँ



Credits
Writer(s): Krsna Solo
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