Meera'S Poem

थोड़े ग़म कम अभी
ओ, आप थोड़े से कम अजनबी

मेरे दिल के घर में
खिड़की नई है खुल गई
थोड़े से कम अजनबी
थोड़े से कम अजनबी
ख़्वाहिशें नई

होंठों की मुँडेरों पे छिपी हैं
ढेरों छोटी-छोटी सी खुशी
ओ, आप थोड़े से कम अजनबी
अच्छी सी लगे है ज़िंदगी

मुस्कुराएँ हम क्यूँ बेवजह?
ताका-झाँकी, टोका-टाकी
करता जाए दिल, ज़िद पे अड़ा
मैंने ना की, इसने हाँ की

धूप-छाँव बुनते साथ कभी
भूल-भुलैया में मिल जो जाते
रस्ते तेरे-मेरे सभी, ख़्वाहिशें नई

होंठों की मुँडेरों पे छिपी हैं
ढेरों छोटी-छोटी सी खुशी
ओ, आप थोड़े से कम अजनबी
अच्छी सी लगे है ज़िंदगी



Credits
Writer(s): Arijit Singh, Neelesh Misra
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