Mere Chehre Mein Chupa

मेरे चेहरे में छुपा है मेरी माँ का चेहरा

मेरे चेहरे में छुपा है मेरी माँ का चेहरा
मेरी आँखों से मेरी माँ की महक आती है
मेरे चेहरे में छुपा है मेरी माँ का चेहरा
मेरी आँखों से मेरी माँ की महक आती है

माथे पे बिंदिया लगाती हूँ
माँ की साड़ी जो पहनती हूँ कभी
माथे पे बिंदिया लगाती हूँ
माँ की साड़ी जो पहनती हूँ कभी

हाँ-हाँ, वैसे ही सर पे गिरा के आँचल
बाबा कहते हैं बड़े लाड़ से अक्सर

मेरे चेहरे में छुपा है मेरी माँ का चेहरा
मेरी आँखों से मेरी माँ की महक आती है

माँ मेरी हर पल ही मिलती है
मेरी सारी आदतों में जीती है
माँ मेरी हर पल ही मिलती है
मेरी सारी आदतों में जीती है

हाँ-हाँ, बातें भी वैसे ही करती हूँ
मगर मेरी आवाज़ पे कहते हैं ये बाबा

मेरे चेहरे में छुपा है मेरी माँ का चेहरा
मेरी आँखों से मेरी माँ की महक आती है

मेरी आँखों से मेरी माँ की महक आती है



Credits
Writer(s): Gulzar, R D Burman
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