Aaiye Meharban

आशा जी बहुत मज़ाकिया हैं
एक दिन कहने लगीं, "मैंने Madhubala से कहा, आओ कुश्ती हो जाए"
Madhubala घबरा गईं, कहने लगी, "कुश्ती! किसकी कुश्ती?"
मैंने कहा, "तुम्हारी अच्छी शक्ल की और मेरी अच्छी आवाज़ की, देखें कौन जीतता है"

आइए मेहरबाँ, बैठिए जान-ए-जाँ
शौक़ से लीजिए जी इश्क़ के इम्तिहाँ
आइए मेहरबाँ, बैठिए जान-ए-जाँ
शौक़ से लीजिए जी इश्क़ के इम्तिहाँ
आइए मेहरबाँ...

कैसे हो तुम नौजवाँ? कितने हसीं मेहमाँ
कैसे हो तुम नौजवाँ? कितने हसीं मेहमाँ
कैसे करूँ मैं बयाँ? दिल की नहीं है ज़ुबाँ
कैसे करूँ मैं बयाँ? दिल की नहीं है ज़ुबाँ

आइए मेहरबाँ, बैठिए जान-ए-जाँ
शौक़ से लीजिए जी इश्क़ के इम्तिहाँ
आइए मेहरबाँ...

देखा मचल के जिधर, बिजली गिरा दी उधर
देखा मचल के जिधर, बिजली गिरा दी उधर
किसका जला आशियाँ, बिजली को ये क्या ख़बर
किसका जला आशियाँ, बिजली को ये क्या ख़बर

आइए मेहरबाँ, बैठिए जान-ए-जाँ
शौक़ से लीजिए जी इश्क़ के इम्तिहाँ
आइए मेहरबाँ, बैठिए जान-ए-जाँ
शौक़ से लीजिए जी इश्क़ के इम्तिहाँ
आइए मेहरबाँ...



Credits
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Qamar Jalalabadi, Dipin Raj
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