Tum Jo Mil Gaye Ho

तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है
के जहां मिल गया
एक भटके हुए राही को, कारवाँ मिल गया
तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है
के जहां मिल गया

बैठो न दूर हमसे, देखो खफ़ा न हो
क़िस्मत से मिल गए हो, मिलके जुदा न हो
मेरी क्या ख़ता है, होता है ये भी
के ज़मीं से भी कभी आसमां मिल गया
के जहां मिल गया

तुम क्या जानो तुम क्या हो, एक सुरीला नग़मा हो
भीगी रातों में मस्ती, तपते दिल में साया हो
तुम क्या जानो तुम क्या हो
अब जो आ गए हो जाने न दूंगा, के मुझे इक हसीं मेहरबाँ मिल गया
के जहां मिल गया

तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है
के जहां मिल गया

तुम भी थे खोए-खोए, मैं भी बुझा-बुझा
था अजनबी ज़माना, अपना कोई न था
दिल को जो मिल गया है तेरा सहारा, इक नई ज़िंदगी का निशां मिल गया
तुम जो मिल गए हो तो, ये लगता है, के जहां मिल गया
एक भटके हुए राही को, कारवाँ मिल गया
तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है, के जहां मिल गया



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Kaifi Azmi
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