Bigadne De

इसी उमर में तो करता है दिल ख़्वाहिशें गिरने-फिसलने की
अरे, ये भी कोई उमर है क्या सँभलने की?
यही जवानी बन जानी है वजह बेवजह इतरा के चलने की
अरे, ये भी कोई उमर है क्या सँभलने की?

हो, लोगों के डर से हम अपने दिल की
मस्ती क्यूँ खोने दे?
हरक़त से अपनी नाराज़ दुनिया
होती है, होने दे

बिगड़ने दे हमें ज़रा, सुधर के क्या करेंगे हम?
बिगड़ने दे, जो दिल में आएगा वही करेंगे हम
बिगड़ने दे हमें ज़रा, सुधर के क्या करेंगे हम?
बिगड़ने दे, किसी के बाप से नहीं डरेंगे हम

बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे

सीधा-सरल है ये फ़लसफ़ा
मिलें जो ख़ुशियाँ, रख लें, ग़म को कर दफ़ा
बस ये जो पल है, है काम का
इसके अलावा सब बे-मतलब, ख़्वाह-मख़ाह

हो, आवारगी में, अय्याशियों में
शामें डुबोने दे
हरक़त से अपनी नाराज़ दुनिया
होती है, होने दे

बिगड़ने दे हमें ज़रा, सुधर के क्या करेंगे हम?
बिगड़ने दे, जो दिल में आएगा वही करेंगे हम
बिगड़ने दे हमें ज़रा, सुधर के क्या करेंगे हम?
बिगड़ने दे, किसी के बाप से नहीं डरेंगे हम

बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे
बिगड़ने दे, बिगड़ने दे



Credits
Writer(s): Ashish Pandit, Pritam
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