Yeh Hausle

ये तो नहीं थी वो सुबह जो
रातों को जिसकी ख़ातिर चले
कटता नहीं है ये रास्ता लो
होते नहीं कम ये फ़ासले

पर कम ना होंगे, बढ़ते रहेंगे
ये हौसले, ये हौसले
ये हौसले, ये हौसले

ये तो नहीं थे वो सवेरे
रातों को जिसकी ख़ातिर जगे
मिल के मिटाए जिसके अँधेरे
हमने जलाए दिल के दीए

अब कम ना होंगे, बढ़ते रहेंगे
ये हौसले, ये हौसले
ये हौसले, ये हौसले

हाँ, जी गए मिल के हम यहाँ
दो मंज़िलें मिल रही हैं जहाँ
लो मुश्किलें हो रही हैं फ़ना



Credits
Writer(s): Pritam, Kausar Munir
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