Majnu

हाँ, दिन-रात यूँ सोचता हूँ तुझे
"हासिल करूँ कैसे, सनम, तुझको मैं?"

तुझे क्या कहूँ मैं...
तुझे क्या कहूँ मैं, कैसा जुनूँ है मेरा

तुझे जब से मिला हूँ, सो ना सका हूँ
बस है ख़याल तेरा
कभी मजनूँ बना, कभी राँझा बना हूँ
ऐसा है हाल मेरा

तुझे जब से मिला हूँ, सो ना सका हूँ
बस है ख़याल तेरा
कभी मजनूँ बना, कभी राँझा बना हूँ
ऐसा है हाल मेरा

दिल को मेरे कब ये हुआ, मुझको पता ना चला
१००-१०० दफ़ा देखूँ तुझे, तू ही तो रब है मेरा
ਬੁੱਲ੍ਹੇ ਨੂੰ ਸਮਝਾਵਣ ਆਈਆਂ ਭੈਣਾਂ ਤੇ ਭਰਜਾਈਆਂ
ਮੰਨ ਲੈ ਬੁਲ੍ਹਿਆ ਸਾਡਾ ਕਹਿਣਾ ਛੱਡਦੇ ਪੱਲਾ ਰਾਈਆਂ

पर मैं सुनूँ ना...
पर मैं सुनूँ ना अब तो किसी की सदा

तुझे जब से मिला हूँ, सो ना सका हूँ
बस है ख़याल तेरा
कभी मजनूँ बना, कभी राँझा बना हूँ
ऐसा है हाल मेरा

तुझे जब से मिला हूँ, सो ना सका हूँ
बस है ख़याल तेरा
कभी मजनूँ बना, कभी राँझा बना हूँ
ऐसा है हाल मेरा



Credits
Writer(s): Azeem Shirazi, Shaarib Toshi
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