Dil Ki Gali

बेहोशी से ओस उठी खिल के
ली अँगड़ाई ख़्वाबों ने मचल के
जाने कैसे ये फ़िज़ा यहाँ बदल गई
जाने कैसे ये ख़ुशी यहाँ smuggle हुई

दिल की, दिल की गली में...
दिल की गली में कैसी हवा चली
दिल की, दिल की गली में...
दिल की गली में कैसी हवा चली

हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ

हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ

डरते थे जो ख़्वाबों-वाबों के भी नाम से
उड़ते हैं, फ़िरते हैं कैसे यूँ इत्मीनान से
लाखों पहरे यूँ खुले अगल-बगल कहीं
जाने कैसे ये ख़ुशी यहाँ smuggle हुई

दिल की, दिल की गली में...
दिल की गली में कैसी हवा चली

हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ

हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ

हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
हाँ, मौज, हाँ-हाँ, मौज, हाँ
मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ, मौज, हाँ



Credits
Writer(s): Vishal Dadlani, Jaideep Sahni, Shekhar Ravjiani
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link