Raah Dikha De

जाऊँ मैं कहाँ? समझ ना आए, यारा
नई दुनिया या गलियाँ वही दोबारा?
जाऊँ मैं कहाँ? समझ ना आए, यारा
नई दुनिया या गलियाँ वही दोबारा?

मेरे अरमाँ खींचते मुझको दोनों ओर से
दो ही लम्हे क़रार के ढूँढने दूर शोर से

बचने को जाऊँ मैं कहाँ? समझ ना आए, यारा
नई दुनिया या गलियाँ वही दोबारा?

मेरे मन में हैं उठती लहरें ओर-छोर से
दो ही लम्हा क़रार तू दे मुझे अपनी ओर से

राह दिखा दे तू, राह दिखा दे तू
तेरे हवाले हुआ हूँ मैं, ओ, रब्बा
राह दिखा दे तू, राह दिखा दे तू
तेरे हवाले हूँ ख़ुद को मैं करता

नई धूप जो पड़ी बदन पे, यारा
छँटने लगा ये अँधियारा
मेरी रूह ये धुली-धुली सी लागे
मिला मुझको मेरा तारा

पतवार ज़रा उस पार करा दे रे
खोज रहा, एक बार मिला दे रे
एक तू ही है, तू है साधन मेरा रे
तू नहीं, खो गया सावन मेरा

तो जाऊँ मैं कहाँ? समझ ना आए, यारा
नई दुनिया या गलियाँ वही दोबारा?
जाऊँ मैं कहाँ? समझ ना आए, यारा

मेरे मन में हैं उठती लहरें ओर-छोर से
दो ही लम्हा क़रार तू दे मुझे अपनी ओर से

बचने को जाऊँ मैं कहाँ?

राह दिखा दे तू, राह दिखा दे तू
तेरे हवाले हुआ हूँ मैं, ओ, रब्बा
राह दिखा दे तू, राह दिखा दे तू
तेरे हवाले हूँ ख़ुद को मैं करता

(राह दिखा दे तू), राह दिखा दे
(राह दिखा दे तू), राह दिखा दे
(तेरे हवाले हुआ हूँ मैं, ओ, रब्बा) ख़ुद को तेरे हवाले
राह दिखा दे तू, राह दिखा दे तू (तेरे-, राह दिखा दे)
तेरे हवाले हूँ ख़ुद को मैं करता (हो)



Credits
Writer(s): Shloke Lal, Shubham Govardhan Shirule, Ana Rehman
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link