Gulabi

देखो ना कैसे से दिन आ रहे हैं
कैसे यूँ ही हम हँसे जा रहे हैं
हँसते हुए सबसे टकरा रहे हैं
टकरा के लोगों से घबरा रहे हैं

देखो ना कैसे से दिन आ रहे हैं
कैसे यूँ ही हम हँसे जा रहे हैं
हँसते हुए सबसे टकरा रहे हैं
टकरा के लोगों से घबरा रहे हैं

हमको पता है, ये सब ख़्वाब सा है
मोहब्बत में सच ये जिए जा रहे हैं

गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं

गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं

पहाड़ों के ऊपर एक छोटा सा घर हो
कोई painting सी हसीं दोपहर हो

हवाओं में थोड़ी ख़ुनक है गुलाबी
मिलने की है जो, तड़प है गुलाबी
गुलाबी पहाड़ों पे वैसे ही बादल
ज़मीं तो ज़मीं है, फ़लक भी गुलाबी

हमको पता है, ये सब ख़्वाब सा है
फिर भी मोहब्बत किए जा रहे हैं

गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं

गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं
गुलाबी-गुलाबी हुए जा रहे हैं



Credits
Writer(s): Sachin Gupta, Vishal Mishra, Raj Shekhar, Nitish R Kumar
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