Hum Gharibon Ko

हम ग़रीबों को अगर यूँ सताता जाएगा
हम ग़रीबों को अगर यूँ सताता जाएगा
...यूँ रुलाता जाएगा

याद रख, भगवान...
याद रख, भगवान, तू भी पछताएगा
एक दिन पछताएगा

हम ग़रीबों को अगर यूँ सताता जाएगा
...यूँ रुलाता जाएगा

ज़िंदा रख सकता नहीं तो क्यूँ हमें दी ज़िंदगी?
हो, क्यूँ ले तेरा नाम कोई? क्यूँ करे तेरी बंदगी?
हमें जो यूँ तरसाएगा, हमें जो यूँ तड़पाएगा
हमें जो यूँ ठुकराएगा, हमें जो यूँ ही मिटाएगा

याद रख, भगवान...
याद रख, भगवान, तू भी पछताएगा
एक दिन पछताएगा

हम ग़रीबों को अगर यूँ सताता जाएगा
...यूँ रुलाता जाएगा

बेगुनाहों पर अगर होंगे सितम ऐसे यहाँ
इक लपट ऐसी उठेगी, छाएगा ऐसा धुआँ, छाएगा ऐसा धुआँ
ज़मीं तेरी जल जाएगी, (आसमाँ भी जल जाएगा)
तेरी दुनिया मिट जाएगी, (नाम तेरा मिट जाएगा)

याद रख, भगवान...
याद रख, भगवान, तू भी पछताएगा
एक दिन पछताएगा

हम ग़रीबों को अगर यूँ सताता जाएगा
...यूँ रुलाता जाएगा
याद रख, भगवान, तू भी पछताएगा
एक दिन पछताएगा

बन के पत्थर चैन से तू मंदिरों में सो रहा
कुछ ख़बर तुझको नहीं, हम पर सितम क्या हो रहा
ये सितम क्या हो रहा

नज़र जो हमसे चुराएगा
हमें ना ग़म से बचाएगा

नज़र जो हमसे चुराएगा
हमें ना ग़म से बचाएगा
हमारे काम ना आएगा
जो यूँ पत्थर बन जाएगा

याद रख, भगवान, ओ
याद रख, भगवान, तू भी पछताएगा
एक दिन पछताएगा

हम ग़रीबों को अगर यूँ सताता जाएगा
...यूँ रुलाता जाएगा
याद रख, भगवान, तू भी पछताएगा
एक दिन पछताएगा



Credits
Writer(s): Anjaan, Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah
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