Shiva Theme (From "Brahmastra")

क्षण भी है तू
तू ही समय भी है
सृष्टि भी तू
तू ही प्रलय भी है
स्वयं ही तू अग्नि है

नमः देवाय महेश्वरा
अग्नि ज्वालम जटा धरा
ब्रह्म तेज नयाकम
शिवा-शिवम नमो नमः

नमः देवाय महेश्वरा
अनि ज्वालम प्रभा धरा
प्रचंड का उजस्वी का
शिवा-शिवम नमो नमः

हो, धौंकनी सी तेरी साँसें चलती है
तेरा तपता कपाल
है लावा जैसा धमनियों के रक्त में उबाल

पिघलाए हुए लोहे से ये तेरी पसलियाँ हैं बनी
खोल दे भुजाएँ तो धड़क उठे मशाल
आदि नहीं तेरा ना कोई अंत है
अजर तू अजात है जयंत है
स्वयं ही तू अग्नि है

नमः देवाय महेश्वरा
अग्नि ज्वालम जटा धरा
ब्रह्म तेज नयाकम
शिवा-शिवम नमो नमः

आज अग्नि उजागर हो
प्रज्वलित इक दिवाकर हो
सदा हो रौशनी की जय
परास्त अंधकार हो



Credits
Writer(s): Pritam Chakraborty, Amitabh Bhattacharya
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