Kholo Man Ka Dwaar

खोलो मन का द्वार...
खोलो मन का द्वार, मन का प्यार लाई हूँ
सुख का साज, सपनों का सिंगार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...
खोलो मन का द्वार, मन का प्यार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...

फूल बन के खिल गई है कामना कली
प्रीति माँगती है तुम से प्रीति बावली

मैं अनंत प्रेम की...
मैं अनंत प्रेम की पुकार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...
खोलो मन का द्वार, मन का प्यार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...

नैन बैन-सैन का संदेस है गुनी
नैन चार एक बार तो करो, मुनि
हो, नैन बैन-सैन का संदेस है गुनी
नैन चार एक बार तो करो, मुनि

रूप के वसंत की...
रूप के वसंत की बहार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...
खोलो मन का द्वार, मन का प्यार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...

गुनगुनाओ मस्त भँवर, खिलखिलाओ फूल
आते-जाते कल को एक पल को जाओ भूल

छेड़ो तार प्यार का...
छेड़ो तार प्यार का सितार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...
खोलो मन का द्वार, मन का प्यार लाई हूँ
सुख का साज, सपनों का सिंगार लाई हूँ
खोलो मन का द्वार...

खोलो मन का द्वार...
खोलो मन का द्वार...



Credits
Writer(s): Lata Mangeshkar
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