Jadoo

आजकल ऐसा लगता है, थोड़ा ज़्यादा सवरते हैं
ऐसा लगता है, आँगन में चाँद-तारे उतरते हैं
चाँद-तारे उतरते हैं

क्या इन्हें जादू से तुमने ही उतारा है?
क्यूँ मेरी आँखों में तेरा ही नज़ारा है?
क्या इन्हें जादू से तुमने ही उतारा है?
Mmm-hmm, hmm-hmm
Mmm-mm, hmm-hmm, नज़ारा है
मन के दराज़ों में
अधलिखे कितने ख़त मिले क्यूँ फिर से?
यादों की शाख़ों में
दर्द के कितने गुल खिले क्यूँ फिर से?

फिर मिलेंगे हम पहले से, बात ये ना ज़रूरी है
आधे-आधे रहें हम, पर ना कहानी अधूरी है
ना कहानी अधूरी है

तुम कभी मेरे थे, बस ये भी गवारा है
आ, तुझे दिल ने बड़े दिल से पुकारा है
Hmm-hmm, hmm-hmm
Hmm-hmm, hmm-hmm



Credits
Writer(s): Raj Shekhar, Vishal Mishra
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