Beqadar Piya

बड़े बेक़दर हैं पिया
बड़े बेक़दर हैं पिया

मैं भी देखता हूँ, कैसे प्यार ना करना, यार, गुनाह है
दिल फेंकता हूँ, संसार ये झूठा, प्यार कहाँ है?
मैं सच जो कह दूँ, मेरी जाँ, क्यूँ रूठती है?
जिस्म तो मिल जाएँ, पर रूह ये छूटती है

मेरी आँखें हैं बंद, तभी रास्तों से तेरा चेहरा गुज़रता नहीं
मेरी साँसें रुकती, तू दोष देती, इलज़ाम सँभलता नहीं
और हाल ही में हम दूर हुए, तभी वक़्त गुज़रता नहीं (नहीं)
ना हो तू जुदा, मेरा आँसुओं से भरा जाम छलकता नहीं
मेरा आँसुओं से भरा जाम छलकता नहीं

बड़े बेक़दर हैं पिया
बड़े बेक़दर हैं पिया
ऐसा भी क्या कर दिया

जो भी चाहो, तुम आज वो कर लेना
हाँ-हाँ, हाँ, हमको कस के बाँहों में तुम भर लेना

बातें अधूरी वो करनी ज़रूरी है (हाँ, ये ज़रूरी है)
बातें अधूरी वो जैसे भी हो आज करनी तो पूरी है
जो भी कहानी है, अब तो निभानी है (अब तो निभानी है)
रात एक बाँहों में तेरी बितानी है
रात एक बाँहों में तेरी बितानी है

डूब जा, डूब जा
आजा, मुझमें समा
डूब जा, कर ले गुनाह
मुझमें हो जा

बड़े बेक़दर हैं पिया
बड़े बेक़दर हैं पिया

बातें वो होनी ज़रूरी जो होती नहीं कभी काम से
रुकना भी उतना ज़रूरी कि जाएँ ना हम तेरे नाम से
पर क्या ही करें अब, दूरियाँ ही कुछ ऐसी हुई हैं
ये फ़ासले दिन से शुरू और ख़त्म हो जाएँ शाम पे

बुझती नहीं, क्या प्यास है
Ohh, क्या प्यास है (तू ही बता दे)
Ohh, इस दर्द में क्या ख़ास है?
Ohh, डूब जा, डूब जा, कर ले गुनाह

बड़े बेक़दर हैं पिया
बड़े बेक़दर हैं पिया



Credits
Writer(s): Salim Sadruddin Merchant, Sulaiman Sulaiman, Shradha Pandit
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