Maati Ko Maa Kehte Hain

अंबर तले जग रहे हम तेरे, आँचल तले रहते हैं
अंबर तले जग रहे हम तेरे, आँचल तले रहते हैं
दुनिया में हम ही अकेले हैं, जो माटी को "माँ" कहते हैं
माटी को "माँ" कहते हैं

जागें तेरे लिए सारी उमर, तू ही आना सुलने हमें
सर तेरा ऊँचा रहे, ऐ वतन, कोई जाने ना जाने हमें
जागें तेरे लिए सारी उमर, तू ही आना सुलने हमें
सर तेरा ऊँचा रहे, ऐ वतन, कोई जाने ना जाने हमें
कोई जाने ना जाने हमें

हो, ख़ुशबू के जैसे हवाओं में हम गुमनाम से बहते हैं
ख़ुशबू के जैसे हवाओं में हम गुमनाम से बहते हैं
दुनिया में हम ही अकेले हैं, जो माटी को "माँ" कहते हैं
माटी को "माँ" कहते हैं

जिस्मों पे वर्दी ना काँधे सितारे
जिस्मों पे वर्दी ना काँधे सितारे
ना झंडे झुकेंगे ज़िकर पे हमारे

पर जाँ-निसारी की जब बात होगी
आगे मिलेंगे क़तारों में हम
तो क्या ज़मीं पे रहें ना रहें?
मुस्कुराएँगे तारों में हम
मुस्कुराएँगे तारों में हम

वो बाग़ हँसता रहे, हम जिसे "हिंदुस्ताँ" कहते हैं
वो बाग़ हँसता रहे, हम जिसे "हिंदुस्ताँ" कहते हैं
दुनिया में हम ही अकेले हैं, जो माटी को "माँ" कहते हैं
माटी को "माँ" कहते हैं

माटी को "माँ" कहते हैं
हम माटी को "माँ" कहते हैं (माटी को "माँ" कहते हैं)
माटी को "माँ" कहते हैं
हम माटी को "माँ" कहते हैं (माटी को "माँ" कहते हैं)
माटी को "माँ" कहते हैं
हम माटी को "माँ" कहते हैं (माटी को "माँ" कहते हैं)



Credits
Writer(s): Rochak Kohli, Manoj Muntashir
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