Ruk Ja

रुक जा, ना जा, रे, दिल तोड़ के
रुक जा, ना जा, रे, यूँ छोड़ के
रुक जा, ना जा, रे, दिल तोड़ के
रुक जा, ना जा, रे, यूँ छोड़ के

हमसे पूछे बिना चल दिए
ख़ुद ही तय कर लिए फ़ासले

रुक जा, ना जा, रे, मुँह मोड़ के
रुक जा, ना जा, रे, यूँ छोड़ के

डर था तुमको खोने का हमेशा से
हाँ, दूर जा के कर दिए अलग रास्ते
हो, दिल पे मेरे हाथ रख के देखो ज़रा
हाँ, तेरे नाम से ही चलती ये धड़कनें

रुक जा...

रुक जा, ना जा, रे, फिर सोच ले
रुक जा, ख़ुद को तू अब रोक ले

हमसे पूछे बिना चल दिए
ख़ुद ही तय कर लिए फ़ासले

रुक जा...

रुक जा...

ज़रा बता, है क्या तेरा इरादा एक दफ़ा
सज़ा कोई भी दे मगर ना रहना तू ख़फ़ा
दर्द का इलाज शायद दूरियाँ ही हैं
हाँ, जाते-जाते मेरी ख़ातिर थोड़ा ठहर जा

रुक जा...



Credits
Writer(s): Shradha Pandit, Salim Merchant, Sulaiman Merchant
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