Lakshya

हाँ यही रस्ता है तेरा तूने अब जाना है
हाँ यही सपना है तेरा तूने पेहचाना है

हाँ यही रस्ता है तेरा तूने अब जाना है
हाँ यही सपना है तेरा तूने पेहचाना है
तुझे अब ये दिखाना है

रोके तुझको आँधीयाँ या ज़मीं और आसमाँ
पाएगा जो लक्ष्य है तेरा
लक्ष्य तो हर हाल में पाना है

मुश्किल कोई आ जाये तो परबत कोई टकराए तो
ताक़त कोई दिखलाये तो तूफ़ान कोई मंडलाये तो
मुश्किल कोई आ जाये तो परबत कोई टकराये तो
बरसे चाहे अम्बर से आग लिपटे चाहे पैरों से नाग
बरसे चाहे अम्बर से आग लिपटे चाहे पैरों से नाग (बरसे चाहे अम्बर से आग लिपटे चाहे पैरों से नाग)
पायेगा जो लक्ष्य है तेरा
लक्ष्य तो हर हाल में पाना है

हिम्मत से जो कोई चले धरती हिले क़दमों तले
क्या दूरियाँ क्या फ़ासले मंज़िल लगे आके गले
हिम्मत से जो कोई चले धरती हिले क़दमों तले
तू चल यूं ही अब सुबह-ओ-शाम, रुकना, झुकना नहीं तेरा काम
तू चल यूं ही अब सुबह-ओ-शाम, रुकना, झुकना नहीं तेरा काम (तू चल यूं ही अब सुबह-ओ-शाम, रुकना, झुकना नहीं तेरा काम)
पायेगा जो लक्ष्य है तेरा
लक्ष्य तो हर हाल में पाना है

हाँ यही रस्ता है तेरा तूने अब जाना है
हाँ यही सपना है तेरा तूने पेह्चाना है
तुझे अब ये दिखाना है



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Aloyius Mendonsa, Ehsaan Noorani, Shankar Mahadevan
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