Jiyein Kaun

ना आए हो, ना आओगे, ना phone पे बुलाओगे
ना शाम की करारी चाय लबों से यूँ पिलाओगे
ना आए हो, ना आओगे, ना दिन ढले सताओगे
ना रात की नशीली bye से नींद में जगाओगे

गए, तुम गए हो क्यूँ? रात बाक़ी है
गए, तुम गए हो क्यूँ? साथ बाक़ी है
गए, तुम गए, हम थम गए, हर बात बाक़ी है
गए क्यूँ, तो जिएँ क्यूँ?

ना आए हो, ना आओगे, ना दूरियाँ दिखाओगे
ना थाम के वो जोश में यूँ होश से उड़ाओगे
ना आए हो, ना आओगे, ना झूठ से सुनाओगे
ना रूठ के सिरहाने में remote को छुपाओगे

गए, तुम गए हो क्यूँ? रात बाक़ी है
गए, तुम गए हो क्यूँ? साथ बाक़ी है
गए, तुम गए, हम थम गए, हर बात बाक़ी है
गए क्यूँ, तो जिएँ क्यूँ?

आँख भी थम गई, ना थकी
रात भी ना बटी, ना कटी
रात भी छेड़ती, मारती
नींद भी लुट गई, छिन गई
रात भी ना सही, ना रही
रात भी लाज़मी, ज़ालिमी

गए, तुम गए हो क्यूँ? रात बाक़ी है
गए, तुम गए हो क्यूँ? साथ बाक़ी है
गए, तुम गए, हम थम गए, हर बात बाक़ी है

गए क्यूँ, तो जिएँ क्यूँ?
गए क्यूँ, जिएँ क्यूँ? आ...
जिएँ क्यूँ?

ना आए हो, ना आओगे, ना phone पे बुलाओगे
ना शाम की करारी चाय लबों से यूँ चुराओगे



Credits
Writer(s): Pritam Chakraborty, Jaideep Sahni
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