Khaabon Ke Parinday (From "Zindagi Na Milegi Dobara")

उड़े, खुले आसमां में ख़्वाबों के परिंदे
उड़े, दिल के जहां में ख़्वाबों के परिंदे
ओ हो, क्या पता, जायेंगे कहाँ

खुले हैं जो पल, कहे ये नज़र
लगता है अब है जागे हम
फ़िक्रें जो थी, पीछे रह गई
निकले उनसे आगे हम
हवा में बह रही है ज़िंदगी
ये हम से कह रही है ज़िंदगी
ओ हो, ओ, अब तो, जो भी हो सो हो

उड़े, खुले आसमां में ख़्वाबों के परिंदे
उड़े, दिल के जहां में ख़्वाबों के परिंदे
ओ हो, क्या पता, जायेंगे कहाँ

किसी ने छुआ तो ये हुआ
फिरते है महके-महके हम
हुई हैं कई बातें नई
जब है ऐसे बहके हम
हुआ है यूँ के दिल पिघल गये
बस एक पल में हम बदल गये
ओ हो, ओ, अब तो, जो भी हो सो हो

रोशनी मिली, अब राह में है इक दिलकशी सी बरसी
हर ख़ुशी मिली, अब ज़िंदगी पे है ज़िंदगी सी बरसी
अब जीना हमने सीखा है

याद है कल, आया था वो पल
जिसमें जादू ऐसा था
हम हो गये जैसे नये
वो पल जाने कैसा था
कहे ये दिल के जा उधर ही तू
जहाँ भी लेके जाये आरज़ू
ओ हो, ओ, अब तो, जो भी हो सो हो
जो भी हो सो हो (उड़े)
जो भी हो सो हो (उड़े)
जो भी हो सो हो



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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