Gehre Halke Halke Gehre

गहरे-हल्के, हल्के-गहरे छाए शाम के साए
धीरे-धीरे, हौले-हौले दिल की धड़कन गाए
तुम हो, मैं हूँ और तन्हाइयाँ
तन में जागी हैं अंगड़ाइयाँ

गहरे-हल्के, हल्के-गहरे छाए शाम के साए
धीरे-धीरे, हौले-हौले दिल की धड़कन गाए
तुम हो, मैं हूँ और तन्हाइयाँ
तन में जागी हैं अंगड़ाइयाँ
मौसम की ये क्या नयी रीत है?
मौसम की ये क्या नईयीरीत है?
ठंडी हवाओं में संगीत है

पुरवा सन-सन गूँजे बन-बन
कोयल शोर मचाए
तुम हो, मैं हूँ और तन्हाइयाँ
धीमी-धीमी हैं शहनाइयाँ
पलकों पे जैसे घटा छा गई
पलकों पे जैसे घटा छा गई
बाँहों के घेरे में मैं आ गई

बरखा झर-झर बरसे धर-धर
मन में आग लगाए
तुम हो, मैं हूँ और तन्हाइयाँ
भीगी-भीगी हैं परछाइयाँ
रंगीन दिल के फ़साने हुए
रंगीन दिल के फ़साने हुए
हम-तुम तो जैसे दीवाने हुए

महकी-महकी, बहकी-बहकी
रुत ने होश उड़ाए
तुम हो, मैं हूँ और तन्हाइयाँ
गुलशन-गुलशन हैं रुसवाइयाँ

गहरे-हल्के, हल्के-गहरे छाए शाम के साए
धीरे-धीरे, हौले-हौले दिल की धड़कन गाए
तुम हो, मैं हूँ और तन्हाइयाँ
तन में जागी हैं अंगड़ाइयाँ



Credits
Writer(s): R. D. Burman, Javed Akhtar
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