Chaha Tha Ek Shakhs Ko

आँखों को इंतज़ार का दे के हुनर चला गया
आँखों को इंतज़ार का दे के हुनर चला गया
चाहा था एक शख़्स को...
चाहा था एक शख़्स को, जाने किधर चला गया
चाहा था एक शख़्स को, जाने किधर चला गया

दिन की वो महफ़िलें गईं, रातों के रत-जगे गए
दिन की वो महफ़िलें गईं, रातों के रत-जगे गए

कोई समेट कर मेरे...
कोई समेट कर मेरे शाम-ओ-सहर चला गया
चाहा था एक शख़्स को, जाने किधर चला गया

झोंका है एक बहार का...
झोंका है एक बहार का रंग-ए-ख़याल यार भी
झोंका है एक...
झोंका है एक बहार का रंग-ए-ख़याल यार भी

हर-सू बिखर-बिखर गई...
हर-सू बिखर-बिखर गई, ख़ुशबू जिधर चला गया
चाहा था एक शख़्स को, जाने किधर चला गया

उसके ही दम से दिल में आज धूप भी, चाँदनी भी है
उसके ही दम से दिल में आज धूप भी, चाँदनी भी है

दे के वो अपनी याद के...
दे के वो अपनी याद के शम्स-ओ-क़मर चला गया
चाहा था एक शख़्स को, जाने किधर चला गया

कूचा-ब-कूचा, दर-ब-दर...
कूचा-ब-कूचा, दर-ब-दर कब से भटक रहा है दिल
कूचा-ब-कूचा...
कूचा-ब-कूचा, दर-ब-दर कब से भटक रहा है दिल

हमको भुला के राह वो...
हमको भुला के राह वो, अपनी डगर चला गया
चाहा था एक शख़्स को, जाने किधर चला गया
चाहा था एक शख़्स को, जाने किधर चला गया



Credits
Writer(s): Khayyam, Hasan Kamal
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