Mere Kareeb Na Aao

मेरे क़रीब ना आओ कि मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ कि मैं शराबी हूँ
मेरा शव जगाओ कि मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ कि मैं शराबी हूँ

ज़माने भर की निगाहों से गिर चूका हूँ मैं
ज़माने भर की निगाहों से गिर चुका हूँ मैं
नज़र से तुम ना गिराओ कि मैं शराबी हूँ
नज़र से तुम ना गिराओ कि मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ कि मैं शराबी हूँ

ये अर्ज़ करता हूँ गिर के ख़ुलूस वालों से

ये अर्ज़ करता हूँ गिर के ख़ुलूस वालों से
ये अर्ज़ करता हूँ गिर के ख़ुलूस वालों से
उठा सको तो उठाओ कि मैं शराबी हूँ
उठा सको तो उठाओ कि मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ कि मैं शराबी हूँ

तुम्हारी आँख से भर लूँ सुरूर आँखों में
तुम्हारी आँख से भर लूँ सुरूर आँखों में
नज़र, नज़र से मिलाओ कि मैं शराबी हूँ
नज़र, नज़र से मिलाओ कि मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ कि मैं शराबी हूँ

कि मैं शराबी हूँ
कि मैं शराबी हूँ
कि मैं शराबी हूँ
कि मैं शराबी हूँ
कि मैं शराबी हूँ



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Sabah Sikri
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