Ruk Jana Nahin Revival

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के
ओ राही, ओ राही

नैन आँसू जो लिये हैं, ये राहों के दीये हैं
लोगों को उनका सब कुछ दे के
तू तो चला था सपने ही ले के
कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के
ओ राही, ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के
ओ राही, ओ राही



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link