Mile Na Phool to Kanton Se Dosti

मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली
इसी तरह से बसर
इसी तरह से बसर हमने ज़िंदगी कर ली
मिले न फूल

अब आगे जो भी हो अंजाम, देखा जाएगा
ख़ुदा तराश लिया
ख़ुदा तराश लिया और बंदगी कर ली
मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली

नज़र मिली भी न थी और उनको देख लिया
ज़ुबां खुली भी न थी
ज़ुबां खुली भी न थी और बात भी कर ली
मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली

वो जिनको प्यार है चांदी से, इश्क़ सोने से
वही कहेंगे कभी
वही कहेंगे कभी हमने ख़ुदकशी कर ली
मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली
इसी तरह से बसर हमने ज़िंदगी कर ली
मिले न फूल



Credits
Writer(s): Roshan, Kaifi Azmi
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