Raat Ke Hamsafar (From "Muqaddar Ka Sikandar")

रात के हमसफ़र, थक के घर को चले
झूमती आ रही है सुबह प्यार की
देख कर सामने, रूप की रोशनी
फिर लुटी जा रही है सुबह प्यार की

सोने वालों को हँसकर जगाना भी है
रात के जागतों को सुलाना भी है
देती है जागने की सदा साथ ही
देती है है जागने की सदा साथ ही
लोरियाँ गा रही है सुबह प्यार की

रात के हमसफ़र, थक के घर को चले
झूमती आ रही है सुबह प्यार की
देख कर सामने, रूप की रोशनी
फिर लुटी जा रही है सुबह प्यार की

रात ने प्यार के जाम भर कर दिए
आँखों-आँखों से जो मैंने तुमने पिए
होश तो अब तलक जाके लौटे नहीं
होश तो अब तलक जाके लौटे नहीं
और क्या ला रही है सुबह प्यार की

रात के हमसफ़र, थक के घर को चले
झूमती आ रही है सुबह प्यार की
देख कर सामने, रूप की रोशनी
फिर लुटी जा रही है सुबह प्यार की

क्या-क्या वादे हुए किसने खाई कसम
इस नयी राह पर हमने रखे कदम
छुप सका प्यार कब हम छुपाएँ तो क्या
छुप सका प्यार कब हम छुपाएँ तो क्या
सब समझ पा रही है सुबह प्यार की

रात के हमसफ़र, थक के घर को चले
झूमती आ हा हा, आ हा हा
प्यार की
प्यार की
प्यार की



Credits
Writer(s): R S Shankar Singh
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link