Apna Gham Leke Kahin

अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए

जिन चराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
जिन चराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
जिन चराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं

उन चराग़ों को हवाओं से बचाया जाए
उन चराग़ों को हवाओं से बचाया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए

ख़ुदकुशी करने की हिम्मत नहीं होती सब में
ख़ुदकुशी करने की हिम्मत नहीं होती सब में
ख़ुदकुशी करने की हिम्मत नहीं होती सब में

और कुछ दिन यूँ ही औरों को सताया जाए
और कुछ दिन यूँ ही औरों को सताया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए

घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो, यूँ कर लें
घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो, यूँ कर लें
घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो, यूँ कर लें

किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए



Credits
Writer(s): Nida Fazli, Chandan Dass
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