Tum Paas Aa Rahe Ho

धीरे, धीरे, धीरे, धीरे
आँखों में छा रहे हो
तुम पास आ रहे हो
चुपके, चुपके, चुपके, चुपके
दिल में समा रहे हो
तुम पास आ रहे हो
धीरे, धीरे
चुपके, चुपके

झुकती हुई ये पलकें, खुलते हुए ये गेसू
ये शरम की अदाएँ, वो शोखियों का जादू
कैसे, कैसे, कैसे कैसे
सपने दिखा रहे हो
तुम पास आ रहे हो...

फूलों भरे नज़ारे, ये खुशबुओं के डेरे
लगते हैं ख्वाब जैसे, ये शाम ये सवेरे
हौले, हौले, हौले, हौले
अरमां जगा रहे हो
तुम पास आ रहे हो...



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Madan Mohan
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