Kahan Ho Tum

कहाँ हो तुम? मुझे बताओ, ज़रा क़रीब से पुकारो
कहाँ-कहाँ मैं ढूँढूँ तुमको?
मैं आवारा दर-ब-दर, नज़र ना आए तुम मगर
छुप गए हो तुम कहाँ? हो तुम किधर?

अब तो दिल है तपता सहरा, दरिया आँखों की नमी
यादों का लगा है पहरा हर कहीं
जानाँ, तुम से था जो रोशन मेरा प्यार पे यक़ीं
गुम है कहाँ? कल तक तो था यहीं, ओ, हमनशीं

तुम ही ने तो कहा था मुझसे, "सुबह नई तो आएगी"
इसी उमीद के सहारे कर रहा हुँ रहगुज़र
कहो कहाँ हो, हमसफ़र
छुप गए हो तुम कहाँ? हो तुम किधर?

अब तो दिल है तपता सहरा, दरिया आँखों की नमी
यादों का लगा है पहरा हर कहीं
जानाँ, तुम से था जो रोशन मेरा प्यार पे यक़ीं
गुम है कहाँ? कल तक तो था यहीं, ओ, हमनशीं

मुझे आवज़ दो, मेरे ख़्वाबों के सहारों
फिर से आवज़ दो, कहाँ हो तुम? पुकारो
मेरे ख़्वाबों के सहारों, मुझे तुम पुकारो

तुम से था जो रोशन, मेरे प्यार का यकीं
गुम है कहाँ? कल तक तो था यहीं
अब तो दिल है तपता सहरा, दरिया आँखों की नमी
यादों का लगा है पहरा हर कहीं
जानाँ, तुम से था जो रोशन, मेरा प्यार पे यक़ीं
गुम है कहाँ? कल तक तो था यहीं, ओ, हमनशीं



Credits
Writer(s): Deepak Pandit, Neeraj Shridhar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link