Tum Poochho Aur Main Bataon

फूल शबनम में डूब जाते हैं
ज़ख़्म मरहम में डूब जाते हैं
आ, जब कोई आसरा नहीं मिलता
जब कोई आसरा नहीं मिलता
हम तेरे ग़म में डूब जाते हैं

तुम पूछो और मैं ना बताऊँ, ऐसे तो हालात नहीं
तुम पूछो और मैं ना बताऊँ, ऐसे तो हालात नहीं

एक ज़रा सा दिल टूटा है...
एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं

तुम पूछो और मैं ना बताऊँ, ऐस तो हालात नहीं

ग़म के अँधियारे में तुझको अपना साथी क्यूँ समझूँ?
आ, ग़म के अँधियारे में तुझको अपना साथी क्यूँ समझूँ?

तू फ़िर तू है, तू फ़िर तू है...
तू फ़िर तू है, मेरे तो साया भी मेरे साथ नहीं
तू फ़िर तू है, मेरे तो साया भी मेरे साथ नहीं

एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
तुम पूछो और मैं ना बताऊँ, ऐसे तो हालात नहीं

किसको ख़बर थी, साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते हैं, बिन बरसे उड़ जाते हैं
किसको ख़बर थी, साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते हैं

सावन आया, सावन आया...
सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नहीं
सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नहीं

एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
तुम पूछो और मैं ना बताऊँ, ऐसे तो हालात नहीं

टूट गया जब दिल तो फ़िर ये साँस का नग़्मा क्या माने
टूट गया जब दिल तो फ़िर ये साँस का नग़्मा क्या माने

गूँज रही है, गूँज रही है...
गूँज रही है क्यूँ शहनाई जब कोई बारात नहीं?
गूँज रही है क्यूँ शहनाई जब कोई बारात नहीं?

एक ज़रा सा दिल टूटा है...
एक ज़रा सा दिल टूटा है...
एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
तुम पूछो और मैं ना बताऊँ, ऐसे तो हालात नहीं

...ऐस तो हालात नहीं



Credits
Writer(s): Qateel Shifai, Bhupender Singh
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