Chand Sitare

चाँद, सितारे, फूल और ख़ुशबू
चाँद, सितारे, फूल और ख़ुशबू
ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली खिली है
हम उसके दीवाने हैं

अरे, काली घटाएँ, बरखा, सावन, हो
काली घटाएँ, बरखा, सावन
ये तो सब अफ़साने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली खिली है
हम उसके दीवाने हैं

अंदाज़ हैं उसके नए-नए
है नया-नया दीवानापन, हो

अंदाज़ हैं उसके नए-नए
है नया-नया दीवानापन
पहना के ताज जवानी का
हँस के लौट गया बचपन

गीत-ग़ज़ल सब कल की बातें, हो
गीत-ग़ज़ल सब कल की बातें
उसके नए तराने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली खिली है
हम उसके दीवाने हैं

है रूप में इतना सादापन
तो कितना सुंदर होगा मन, हो

है रूप में इतना सादापन
तो कितना सुंदर होगा मन
बिन गहने और सिंगार बिना
वो तो लगती है दुल्हन

काजल, बिंदिया, कंगन, झुमके, ओ
अरे, काजल, बिंदिया, कंगन, झुमके
ये तो गुज़रे ज़माने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली खिली है
हम उसके दीवाने हैं



Credits
Writer(s): Rajesh Roshan, Sawan Kumar
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