Phir Mohabbat (From "Murder 2")

जब जब तेरे पास मैं आया
इक सुकून मिला
जिसे मैं था भूलता आया
वो वजूद मिला
जब आये मौसम ग़म के
तुझे याद किया
जब सहमे तन्हापन से
तुझे याद किया

दिल संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू

ऐसा क्यूँकर हुआ
जानूँ ना मैं जानूं ना

दिल संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू

जिस राह पे, है घर तेरा
अक्सर वहाँ से हाँ मैं हूँ गुज़रा
शायद यही दिल में रहा
तू मुझ को मिल जाये क्या पता
क्या है यह सिलसिला
जानूँ ना मैं जानू ना

दिल संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू

कुछ भी नहीं जब दरमियाँ
फिर क्यों है दिल
तेरे ही ख्वाब बुनता
चाहा कि दे तुझको भुला
पर यह भी मुमकिन हो न सका
क्या है यह मामला
जानू ना मैं जानूं ना

दिल संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri
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