Nainon Mein Darpan Hai

नैनों में दर्पण है, दर्पण में कोई
देखूँ जिसे सुबह-ओ-शाम
बोलो जी बोलो, ये राज़ खोलो
हम भी सुनें दिल को थाम

या तो है धरती या है गगन
या तो है सूरज या है पवन (mhmm, hmm)
उसका तो साजन है नाम

नैनों में दर्पण है, दर्पण में कोई
देखूँ जिसे सुबह-ओ-शाम

मस्ती में गाए, दिल को लुभाए
कानों में मिश्री सी घोले
बोलो जी बोलो, ये राज़ खोलो
मेरा भी मन आज डोले

या तो कोयल की है रागिनी
या तो पायल है या बाँसूरी
ना उसका तो सजनी है नाम

नैनों में दर्पण है, दर्पण में कोई
देखूँ जिसे सुबह-ओ-शाम

बहकी-बहती ताल है उसकी, झूमे वो आवारा
बोलो जी बोलो, ये राज़ खोलो
किसकी तरफ़ है इशारा? (बोलो)
किसकी तरफ़ है इशारा?

या तो जोगी है या पागल
या तो बादल है या आँचल (mhmm, hmm)
उसका तो प्रितम है नाम

नैनों में दर्पण है, दर्पण में कोई
देखूँ जिसे सुबह-ओ-शाम

सपनों की रानी जीवन में आए
पथ में नयी रोशनी हो
तुम मेरी दुनिया, तुम मेरी मंज़िल
तुम ही मेरी ज़िंदगी हे

मेरे साथ चल, मेरे हमसफ़र
चाहे शाम हो या हो सहर
इन बाँहों में बाँहों को थाम

नैनों में दर्पण है, दर्पण में कोई
देखूँ जिसे सुबह-ओ-शाम



Credits
Writer(s): Maya Govind, Bhupen Hazarika
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