Tumse Kahoon Ek Baat

तुम से कहूँ इक बात परों से हल्की-हल्की
रात मेरी है छाँव तुम्हारे ही आँचल की
तुम से कहूँ इक बात परों से हल्की-हल्की
हल्की, हल्की, हल्की

सोईं गलियाँ बाँह पसारे, आँखें मीचे
सोईं गलियाँ बाँह पसारे, आँखें मीचे
मैं दुनिया से दूर घनी पलकों के नीचे

देखूँ चलते ख़्वाब लकीरों पर काजल की
तुम से कहूँ इक बात परों से हल्की-हल्की
हल्की, हल्की, हल्की

धुँधली-धुँधली रैन, मिलन का बिस्तर जैसे
धुँधली-धुँधली रैन, मिलन का बिस्तर जैसे
खुलता-छुपता चाँद सेज के ऊपर जैसे

चलती-फिरती खाट हवाओं पर बादल की
तुम से कहूँ इक बात परों से हल्की-हल्की
हल्की, हल्की, हल्की

है भीगा सा जिस्म तुम्हारा इन हाथों में
है भीगा सा जिस्म तुम्हारा इन हाथों में
बाहर नींद भरा पंछी भीगी शाख़ों में

और बरखा की बूँद बदन से ढलकी-ढलकी
तुम से कहूँ इक बात परों से हल्की-हल्की
रात मेरी है छाँव तुम्हारे ही आँचल की

हल्की-हल्की
हल्की-हल्की
हल्की-हल्की



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan
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