Maine Poochha Chand Se - From "Abdullah"

मैंने पूछा चाँद से के देखा है कहीं, मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा, चाँदनी की कसम, नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से के देखा है कहीं, मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा, चाँदनी की कसम, नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से

मैंने ये हिजाब तेरा ढूँढा, हर जगह शवाब तेरा ढूँढा
कलियों से मिसाल तेरी पूछी, फूलों में जवाब तेरा ढूँढा
मैंने पूछा बाग से फ़लक हो या ज़मीं, ऐसा फूल है कहीं
बाग ने कहा, हर कली की कसम, नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से

चाल है के मौज की रवानी, ज़ुल्फ़ है के रात की कहानी
होठ हैं के आईने कंवल के, आँख है के मयकदों की रानी
मैंने पूछा जाम से फलक हो या ज़मीं, ऐसी मय भी है कहीं
जाम ने कहा, मयकशी की कसम, नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से

खूबसुरती जो तूने पाई, लूट गयी खुदा की बस खुदाई
मीर की ग़ज़ल कहूँ तुझे मैं या कहूँ ख़याम ही रुबाई
मैं जो पूछूँ शायरों से ऐसा दिलनशी कोई शेर है कहीं
शायर कहे, शायरी की कसम, नहीं, नहीं, नहीं

मैंने पूछा चाँद से के देखा है कहीं, मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा, चाँदनी की कसम, नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से



Credits
Writer(s): R. D. Burman, Anand Bakshi
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